भू-राजस्व न्यायालयों का नया स्वरूप हो रहा है तैयार
मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह ने कहा है कि राजस्व अधिकारियों द्वारा दिये गये सुझावों के आधार पर भू-राजस्व न्यायालयों का नया स्वरूप तैयार किया जा रहा है। इससे राजस्व न्यायालयों का काम-काज अधिक आसान हो जायेगा। श्री सिंह ने यह बात आज जबलपुर में संभाग-स्तरीय बैठक में राजस्व अधिकारियों के काम-काज की समीक्षा करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जबलपुर संभाग प्रदेश के बेहतर राजस्व परफार्मेंस वाले संभागों में गिना जाता है।
श्री सिंह ने कहा कि राजस्व न्यायालयों में प्रकरणों के निराकरण में असाधारण विलम्ब होने पर संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई करें। लम्बित मामलों के लिये उन्होंने संबंधित जिलों के कलेक्टर और अनुविभागीय अधिकारियों से पूछताछ भी की। उन्होंने कहा कि लम्बे समय तक नामांतरण पंजी जमा न करने वाले पटवारियों के विरुद्ध कार्रवाई करें। उन्होंने पटवारी बस्तों के निरीक्षण, गिरदावरी, वसूली, ओला-वृष्टि एवं जन-सुनवाई से संबंधी जानकारी भी ली।
मुख्य सचिव ने कहा कि कार्य में रुचि न लेने वाले अधिकारियों को 20 वर्ष की सेवा अथवा 50 वर्ष की आयु पूरी होने पर सेवानिवृत्ति की कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि राजस्व न्यायालयों में अदम पैरवी को केवल निराकरण दर्शाने के लिये खारिज नहीं किया जाना चाहिये।
प्रमुख सचिव राजस्व श्री अरुण पाण्डे ने प्राकृतिक आपदा में राहत के लम्बित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण कर राहत राशि वितरित करने के निर्देश दिये। वरिष्ठ अधिकारी पात्र व्यक्ति को राहत राशि मिलना और अपात्र व्यक्ति को राशि न मिलना सुनिश्चित करें। उन्होंने मोबाइल गिरदावरी की भी जिलेवार समीक्षा की।
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