इंग्लैंड में जन्मा, ऑक्सफोर्ड में पढ़ा, प्यार में पड़ा तो आदिवासी इलाके में गुजार दिया पूरा जीवन
शहडोल- प्यार ऐसी चीज है कि जिसको ये रोग लग जाए वह कुछ भी कर गुजरता है। हम ऐसे ही एक अंग्रेज युवक की कहानी बता रहे हैं जो जन्मा इंग्लैंड में, पढ़ा ऑक्सफोर्ड में, आया था ईसाई धर्म के प्रचार के लिए लेकिन प्यार में ऐसा डूबा कि खुद हिन्दू बन गया, दो आदिवासी युवतियों से शादी की और पूरा जीवन घोर आदिवासी इलाका यानि डिंडोरी और शिलांग में गुजार दिया। इंग्लैंड के डोवर में २९ अगस्त 1902 को सिएरा लिओन के बिशप एडमंड हेनरी एल्विन के घर एक बेटे का जन्म हुआ। एडमंड ने इसका नाम रखा हेरी वेरियर होलमेन एल्विन। आगे चलकर ये शख्स वेरियर एल्विन के नाम से फेमस हुआ।
ऑक्सफोर्ड में पढ़ाई-लिखाई
वेरियर एल्विन की पढ़ाई लिखाई ऑक्सफोर्ड में हुई। एल्विन ने डीन क्लोज स्कूल और मेरटन कॉलेज जो कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के ही हिस्से हैं वहां से पढ़ाई की। एल्विन ने अंग्रेजी लिटरेचर में बीए प्रथम श्रेणी और एमए की डिग्री हासिल की। वहीं से डीएसडी की डिग्री भी ली। वह 1925 में ऑक्सफोर्ड में इंटर कॉलिजिएट क्रिश्चियन यूनियन का प्रेसिडेंट भी रहा। एल्विन ने ऑक्सफोर्ड में ही एक साल तक पढ़ाया भी।
एल्विन का भारत आगमन
वेरियर एल्विन 1927 में मिशनरी के तौर पर भारत आए। उन्होंने यहां आकर पुणे में क्रिश्चियन सर्विस सोसायटी ज्वाइन की। इसके बाद उन्होंने एक भारतीय ईसाई के साथ मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पूर्वी महाराष्ट्र का भ्रमण किया। एल्विन ने यहां पर आदिवासियों के बारे में जानकारी ली और मानवशास्त्रियों द्वारा पूर्व में किए गए शोध का भी गहन अध्ययन किया।
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