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पहले से अलग होंगी रिश्तों के लिए ट्रम्प की शर्तें


जबरदस्त समर्थन और विरोध के बीच शपथ लेने वाले डोनाल्ड ट्रम्प के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के साथ न तो भारत के भावुक राष्ट्रवादियों की तर्ज पर बहुत उत्साहित होने और न ही बराक ओबामा की चेतावनियों के मद्‌देनजर वामपंथियों की तरह निराश होने की जरूरत है। पिछले ढाई दशक में भारत ने धीरे-धीरे अमेरिका से संबंधों को सुधारा है और आज वह शीत युद्ध के दौर के मुकाबले मजबूत और भरोसेमंद धरातल पर खड़ा है।


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