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तमिल भावनाओं की अनदेखी


तमिलनाडु इन दिनों पांच हजार साल पुराने पर्व पर पाबंदी से उबल रहा है। इस राज्य में शिवजी के वाहन नंदी को केंद्र में रखकर जल्लीकट्टू यानी बैल के सींगों पर टंगी पोटली लाने का पर्व संक्रांति पर मनाया जाता है। उस पर सर्वोच्च न्यायालय ने पशु अत्याचार के आधार पर पाबंदी लगा रखी है। पाबंदी के पक्ष में याचिका पेश करने वालों में पेटा संस्था भी है जो पशुओं पर अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाती है। अनेक फिल्म कलाकार और अन्य जाने-माने लोग इस संस्था से जुड़े हैं। बीते दिनों तमिलनाडु में जब जल्लीकट्टू पर पाबंदी के खिलाफ लोग आंदोलनरत हो रहे थे तब मैं चेन्नई में था। वहां मैंने अनुसूचित जाति के परिवारों के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रेरित सेवा भारतीय के पोंगल उत्सव में भाग लिया और कांची परमाचार्य को समर्पित एक अनूठे विद्यालय के वार्षिकोत्सव में उत्तर-दक्षिण एकता पर अपने विचार रखे।


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